सांसारिक यात्रा पूरी करने से पहले की अयोध्या वृंदावन की यात्रा अब, पंचतत्व में विलीन हुए सुरिंद्र पाल पान वाले
सोनू उप्पल, बीबीएन नेटवर्क पंजाब, 16 नवंबर बरनाला
शहर के मशहूर सदर बाजार बरनाला में पान की दुकान का काम करने वाले पानबाई के नाम से मशहूर सुरिंद्र पाल पान वाले अपनी संसार की यात्रा पूरी कर चले गए। जिन का अंतिम संस्कार रामबाग बरनाला में जय श्रीराम जय श्रीराम के जयकारों के साथ शव यात्रा निकालते हुए किया गया। सुरेंद्र पाल पानबाई के अंतिम संस्कार मौके बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य, धार्मिक सामाजिक संगठनों के नेता और राजनीतिक नेता और उन से प्रेम करने वाले स्थानीय लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हुए।
जिनके द्वारा रामबाग बरनाला में अंतिम संस्कार मौके सुरेंद्र पाल पानबाई को श्रद्धांजलि भेंट की गई। जहां आज रामबाग बरनाला में उनकी अस्थियां एकत्रित करने की रसम की गई। नगर कौंसिल बरनाला के पूर्व वाइस प्रधान और कांग्रेस के सीनियर अकाली नेता ब्लॉक प्रधान महेश कुमार लौटा ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि आज स्वर्गीय मामा सुरेंद्र पाल पान वाले की अस्थियां एकत्रित की रसम की गई है और कल अस्थियां विसर्जित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि समाजसेवी सुरिंदर पाल पानबाई का श्रद्धांजलि समागम और आत्मिक शांति के लिए श्री गरुड़ पुराण जी की कथा का भोग शांति हाल रामबाग बरनाला में 27 नवंबर दोपहर 1 से 2 बजे रखा गया है।
संसार की यात्रा पूरी करने से पहले स्वर्गीय सुरेंद्रपाल पानबाई ने की वृंदावन और अयोध्या की यात्रा अपनी मर्जी से छोडा नश्वर शरीर
स्वर्गीय सुरेंद्रपाल पानबाई के नाम से मशहूर समाजसेवी और पान की दुकान का काम करने वाले सुरेंद्र पाल अपने सांसारिक यात्रा पूरी करने से 1 दिन पहले 3 दिन की श्री वृंदावन और अयोध्या की यात्रा कर वापस लौटे थे। इस दौरान यात्रा से पहले उन्होंने परिवार से वचन मांगा था कि उनके संसारी की यात्रा पूरी करने से पहले उनको वृंदावन अयोध्या की यात्रा जरूर करवाई जाए। इसके बिना वह अपनी संसार की यात्रा पूरी नहीं करेंगे। परिवार ने उनकी इच्छा अनुसार वृंदावन अयोध्या की यात्रा करवाई गई। जिसके बाद इस यात्रा से वापस आते ही सुरिंद्र पाल पानबाई अपनी संसारी की यात्रा पूरी कर चले गए। सुरिंद्र पाल पानबाई हिंदू धर्म में विश्वास रखते थे और हर धर्म का सत्कार करते थे। लेकिन उनकी आस्था हिंदू देवी देवताओं में ज्यादा थी वह धार्मिक वृत्ति के साथ समाजसेवी कार्यों में भी आगे थे। उनका स्वभाव ऐसा था कि जो एक बार उनसे मिल लिया उनका मुरीद हो जाता था और उनका हंसमुख स्वभाव हर किसी को अपना बना लेता था। इसी कारण उनकी संसारी की यात्रा पूरी करने की खबर शहर में जंगल की आग की तरह फैल गई और अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोग श्रद्धांजलि भेंट करने पहुंचे नगर कौंसिल बरनाला के पूर्व प्रधान और कांग्रेस के सीनियर टकसाली नेता ब्लॉक प्रधान महेश कुमार लौटा ने बताया की उनके मामा धार्मिक वृत्ति के कारण अपनी मौत पहले ही बता गए थे और अगर माने तो अपनी मर्जी से ही इस नश्वर शरीर को छोड़ा है। उन्होंने कहा कि भगवान ऐसे सौभाग्य हर किसी को नहीं देता और उनकी तरफ से परिवार में दुख सांझा करने के लिए पहुंचे सुरेंद्र पाल के चाहने वालों और शहर निवासियों का दुख साझा करने के लिए आभार व्यक्त किया।